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18-Aug-2023 04:19 PM
By First Bihar
PATNA: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जातीय गणना मामले पर सुनवाई हुई। नालंदा के रहने वाले याचिकाकर्ता ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। आज मामले की सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि जातीय गणना के सर्वे की प्रक्रिया पूरी हो गई है। याचिकाकर्ता के वकील ने जातीय गणना के डेटा प्रकाश पर रोक लगाने की मांग की। जिसपर कोर्ट ने कहा कि बगैर सुने डेटा पर रोक नहीं लगा सकते हैं।
दरअसल, नालंदा के रहने वाले याचिकाकर्ता ने पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया और जातीय गणना पर रोक लगाने की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना दोनों पक्षों की बात सुने कोई आदेश नहीं दे सकते। इस मामले पर दाखिल की गई दूसरी याचिकाएं भी आज यानी 18 अगस्त को लिस्टेड थीं। इसलिए कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने की बात कही थी। इसके बाद अब आज इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने की।
जातीय गणना पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि जातीय गणना के सर्वे की प्रक्रिया पूरी हो गई है। याचिकाकर्ता के वकील ने जातीय गणना के डेटा प्रकाश पर रोक लगाने की मांग की। जिसपर कोर्ट ने कहा कि बगैर सुने डेटा पर रोक नहीं लगा सकते हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने 21 अगस्त को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। अब 21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा।
बता दें कि बीते 1 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य सरकार का यह काम नियम संगत है और पूरी तरह से वैध है। राज्य सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। हाईकोर्ट ने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण को 'वैध' करार दिया था। इसके तुरंत बाद नीतीश सरकार ने जातीय गणना को लेकर आदेश जारी कर दिया था। पटना हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ एनजीओ 'एक सोच एक प्रयास' की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।