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06-Apr-2021 11:17 AM
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DESK : भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति एनवी रमना को भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है. राष्ट्रपति ने निवर्तमान CJI एसए बोबडे द्वारा की गई सिफारिश को स्वीकार कर लिया है. बता दें कि सीजेआई एसए बोबडे 23 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
जानकारी हो कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी. रमन्ना का नाम भेजा था जिसे राष्ट्रपति कोविंद ने स्वीकार कर लिया है. 23 अप्रैल को सीजेआई एसए बोबडे की सेवानिवृत्ति के बाद 24 अप्रैल को जस्टिस रमना CJI पद की शपथ लेंगे.
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में सीनियर जस्टिस एनवी रमना का पूरा नाम नथालपति वेंकट रमण हैं. उनका जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्ण जिले के पोन्नवरम गांव में एक कृषि परिवार में हुआ था. पहले, वह दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी थे. उन्होंने आंध्र प्रदेश न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है. वह 26 अगस्त 2022 को सेवानिवृत्त होंगे.
एनवी रमना 10 फरवरी, 1983 को वकील बने थे. जस्टिस एन वी रमना ने आंध्र प्रदेश, मध्य और आंध्र प्रदेश प्रशासनिक न्यायाधिकरणों और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, श्रम, सेवा और चुनाव मामलों में उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की है. उन्हें संवैधानिक, आपराधिक, सेवा और अंतर-राज्यीय नदी कानूनों में विशेषज्ञता हासिल है.
उन्होंने विभिन्न सरकारी संगठनों के लिए पैनल काउंसल के रूप में भी काम किया है. वह केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील और हैदराबाद में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में रेलवे के लिए स्थायी वकील के रूप में कार्य कर चुके हैं. उन्होंने आंध्र प्रदेश के एडिशनल एडवोकेट जनरल के रूप में भी कार्य किया है. उन्हें 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
जस्टिस एन वी रमना 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहे. उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया और भारत और विदेशों में आयोजित और कानूनी महत्व के विभिन्न विषयों पर पेपर्स सबमिट किए. वह दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में साल 2013 को नियुक्त हुए थे.