ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: बड़हरा के तुर्की गांव में महिला चौपाल का आयोजन, सोनाली सिंह ने कहा..'अब बदलाव महिलाओं की ताकत से होगा' Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्टिव हुआ पटना जिला प्रशासन, इस दिन से शुरू होगा हथियारों का वेरिफिकेशन Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्टिव हुआ पटना जिला प्रशासन, इस दिन से शुरू होगा हथियारों का वेरिफिकेशन Viral Video: वायरल वीडियो कांड में BJP बड़ा एक्शन, पार्टी से निकाले गए बब्बन सिंह रघुवंशी; डांसर के साथ पार कर गए थे सारी हदें Viral Video: वायरल वीडियो कांड में BJP बड़ा एक्शन, पार्टी से निकाले गए बब्बन सिंह रघुवंशी; डांसर के साथ पार कर गए थे सारी हदें Life Style: ये तीन फूड्स खाए तो पड़ सकते हैं लेने के देने, शरीर के लिए हैं काफी खतरनाक; जानिए... DARBHANGA: राहुल गांधी पर 2 केस दर्ज, 20 नामजद कांग्रेस नेता और 100 अज्ञात के खिलाफ भी प्राथमिकी Bihar News: डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की हाई लेबल मीटिंग, अधिकारियों को दिए यह निर्देश Bihar News: डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने की हाई लेबल मीटिंग, अधिकारियों को दिए यह निर्देश Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज, BLA प्रशिक्षण का तीसरा चरण सम्पन्न

नीतीश की मुसीबत बढ़ाने 44 साल बाद सुधाकर लाएंगे ये विधेयक, सदन में होगा सामना

नीतीश की मुसीबत बढ़ाने 44 साल बाद सुधाकर लाएंगे ये विधेयक, सदन में होगा सामना

06-Dec-2022 01:00 PM

By

PATNA : बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने भले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया हो लेकिन किसानों की हित में लड़ाई लड़ने की बात होती है तो इस लाइन में सबसे पहले सुधाकर सिंह ही खड़े रहते हैं। सुधाकर सिंह ने 44 साल बाद एक विधेयक लाने का फैसला किया है, जो निश्चित रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुसीबत बढ़ा सकती है। सुधाकर सिंह ने कहा है कि अगर ये विधेयक पास हो जाता है तो इससे बिहार के किसानों की बदहाली दूर होगी। 



पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा है कि बिहार सरकार ने 10 साल पहले ही किसानों के लिए एक रोड मैप तैयार किया था लेकिन दुःख की बात है कि बिहार के किसानों की स्थिति आज भी वही है जो 10 साल पहले थी। किसानों की पेशानी दूर करने के लिए वे एक प्राइवेट विधेयक ला रहे हैं। सुधाकर सिंह ने ये भी कहा है कि वे कल से वे बिहार के अलग-अलग राज्यों के दौरा करेंगे और किसानों से मिलकर कृषि पर चर्चा करेंगे। 



सुधाकर सिंह ने कहा है कि NCAER 2019 के अनुसार "2006 में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) अधिनियम को समाप्त करने के बावजूद नए बाजारों के निर्माण और मौजूदा बाजार में सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण में निजी निवेश बिहार में नहीं हुआ, जिसकी अपेक्षा कानून समाप्त करने के समय किया गया था जिससे बाजार घनत्व कम हो गया। इसके अलावा, खरीद में सरकारी एजेंसियों की भागीदारी और अनाज की खरीद का पैमाना कम होना जारी रहा। इस प्रकार, किसानों को उन व्यापारियों की दया पर छोड़ दिया जाता है जो बेईमानी से कृषि उपज के लिए कम कीमत तय करते हैं। कम कीमत वसूली और कीमतों में अस्थिरता के लिए अपर्याप्त बाजार सुविधाएं और संस्थागत व्यवस्थाएं जिम्मेदार हैं"



यह बात स्पष्ट है कि बिहार के कृषि व्यवस्था में एक व्यापक बदलाव की जरूरत है। इस बड़े बदलाव में अपनी एक छोटी भूमिका निभाते हुए मैंने एक महत्वपूर्ण प्रयास किया है। विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में विधायक के तौर पर एक गैर सरकारी विधेयक (प्राइवेट बिल) बिहार विधानसभा में प्रस्तुत करूँगा जिसका नाम होगा “कृषि उपज और पशुधन विपणन एवं मंडी स्थापना विधेयक”। कृषकों, लघु उद्यमियों, एवं मंडी संचालकों से विमर्श के आधार पर तैयार किया गया यह बिल बिहार राज्य के सभी वर्गों के लिए लाभकारी होगा और बिहार राज्य की कृषि एवं अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में एक मील का पत्थर साबित होगा।