ब्रेकिंग न्यूज़

कटिहार सदर अस्पताल में सांप के काटने से महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप कायमनगर में महिला चौपाल: सोनाली सिंह ने सुनीं महिलाओं की समस्याएं, दी माई-बहिन मान योजना की जानकारी सनातन जोड़ो यात्रा के तीसरे चरण में उमड़ा जनसैलाब, राजकुमार चौबे बोले..बक्सर बन सकता है अयोध्या-काशी से भी आगे पैतृक गांव महकार में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने सादगी से मनाया अपना बर्थडे, हम कार्यकर्ताओं ने दी जन्मदिन की बधाई IRCTC New Rule: 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार को लेकर सामने आई नई बात; जानिए.. नया नियम IRCTC New Rule: 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार को लेकर सामने आई नई बात; जानिए.. नया नियम बड़हरा से अजय सिंह की पहल पर अयोध्या के लिए रवाना हुआ 16वां जत्था, अब तक 2850 श्रद्धालु कर चुके रामलला के दर्शन Bihar News: बिहार में ससुराल जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, दो महीने पहले हुई थी शादी Bihar News: बिहार में ससुराल जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, दो महीने पहले हुई थी शादी Bihar News: बिहार में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक के टॉपर्स को लैपटॉप देगी सरकार, इंजीनियर्स डे पर मंत्री ने की घोषणा

लोकसभा में हंगामे के आसार! J&K आरक्षण व पुनर्गठन संशोधन पर शाह आज देंगे बयान

लोकसभा में हंगामे के आसार! J&K आरक्षण व पुनर्गठन संशोधन पर शाह आज देंगे बयान

06-Dec-2023 08:43 AM

By First Bihar

DELHI : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के शीताकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 व जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को विचार तथा पारित करने के लिए लोकसभा में पेश किया। इसके बाद अब आज देश के गृहमंत्री लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण(संशोधन) विधेयक-2023 पर बयान देंगे।


दरअसल, अमित शाह ने बीते कल जम्मू-कश्मीर से जुड़े अधिनियम लोकसभा में पेश किए। इसमें विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए दो और पाक अधिकृत कश्मीर के विस्थापितों के लिए एक सीट आरक्षित करने का प्रावधान है। जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के सदस्यों को नौकरियों तथा व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण का प्रावधान है। इस विधेयक में आरक्षित वर्ग के उत्थान पर जोर दिया जा रहा है।


वहीं, इस बिल को पेश करते हुए लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो झंडे कैसे हो सकते हैं? जिन्होंने ऐसा किया, उन्होंने गलत किया। पीएम मोदी ने इसे ठीक किया। हम 1950 से कह रहे हैं कि ‘एक प्रधान, एक निशान, एक विधान‘ होना चाहिए।” देश में एक प्रधानमंत्री, एक झंडा और एक संविधान) और हमने यह कर दिखाया।”


मालूम हो कि, विधेयक में कहा गया है कि उपराज्यपाल कश्मीरी प्रवासी समुदाय से अधिकतम दो सदस्यों को विधानसभा में नामांकित कर सकते हैं।नामांकित सदस्यों में से एक महिला होनी चाहिए। प्रवासियों को ऐसे व्यक्तियों के रूप में परिभाषित किया गया है, जो 1 नवंबर, 1989 के बाद कश्मीर घाटी या जम्मू और कश्मीर राज्य के किसी अन्य हिस्से से चले गए और राहत आयुक्त के साथ पंजीकृत हैं।आरक्षण बिल में गुज्जरों के साथ पहाड़ियों को अनुसूचित जनजाति जा दर्जा देने का प्रविधान है।


आपको बताते चलें कि, प्रवासियों में वे व्यक्ति भी शामिल हैं, जो किसी सरकारी कार्यालय में सेवा में हैं, जो किसी काम के लिए चले जाने से या जिस स्थान से वह प्रवासित हुए हैं उस स्थान पर अचल संपत्ति रखने के कारण पंजीकृत नहीं हैं, लेकिन अशांत परिस्थितियों के कारण वहां रहने में असमर्थ हैं।विधेयक में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय शासित प्रदेश के उपराज्यपाल पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के विस्थापितों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सदस्य को विधानसभा में नामित कर सकते हैं। विस्थापित व्यक्तियों से तात्पर्य उन व्यक्तियों से है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में अपने निवास स्थान को छोड़ चुके हैं या विस्थापित हो गए हैं और वहां से बाहर रहते हैं।