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14-Sep-2021 03:52 PM
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DESK: जलवायु परिवर्तन को लेकर भारत और अमेरिका काफी सक्रिय है। दोनों देशों ने मिलकर इस पर कई काम किए हैं। इसी कड़ी में भारत के केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष जलवायु दूत जॉन केरी के साथ सोमवार को बैठक की।
इस दौरान जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा के स्रोतों में बदलाव से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि एनर्जी ट्रांजीशन संभव है जो पीएम नरेंद्र मोदी के संकल्पों का ही नतीजा है। जो आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ वातावरण छोड़ कर जाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि भारत ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में वैश्विक अगुआ के रूप में उभरना चाहता है। देश उर्वरक एवं रिफाइनिंग में ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल को अनिवार्य करने का प्रस्ताव ला रहा है। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि इस संबंध में मंजूरी के लिए जल्द ही एक प्रस्ताव मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा।
भारत और अमेरिका ने सोमवार को भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी के तहत ‘क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग’ कार्यक्रम के दौरान जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा स्रोतों में बदलाव से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष जलवायु दूत जॉन केरी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री आरके सिंह और उनके शीर्ष अधिकारियों के साथ इन विषयों पर विचार-विमर्श किया।
सीएएफएमडी अमेरिकी-भारत एजेंडा 2030 साझेदारी के दो मुख्य ट्रैक में से एक है। जिसकी घोषणा राष्ट्रपति बिडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल 2021 में 'लीडर्स समिट ऑन क्लाइमेट' के दौरान की थी। अपने इस यात्रा के दौरान केरी केंद्रीय मंत्रियों और अन्य शीर्ष अधिकारियों के अलावा निजी क्षेत्र के उद्योगपतियों से भी मिलेंगे और वैश्विक जलवायु महत्वाकांक्षा को बढ़ाने और भारत के स्वच्छ ऊर्जा की तरफ बढ़ने को गति देने के प्रयासों पर चर्चा करेंगे।