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24-Dec-2022 04:48 PM
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PATNA: बिहार सरकार के सीनियर आईएएस संजीव हंस औऱ राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ रेप के मामले की सुनवाई फिर से शुरू हो गयी है। दानापुर की एसीजेएम कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हो गयी है। कोर्ट ने पटना पुलिस से रेप के इस मामले में तत्काल रिपोर्ट देने को कहा है। बता दें कि इस केस को दानापुर एसीजेएम कोर्ट ने खत्म कर दिया था लेकिन पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले की फिर से सुनवाई शुरू कर दी गयी है। इस मामले की पुलिस जांच में कई सनसनीखेज बातें सामने आ सकती हैं।
बता दें कि बिहार के IAS अधिकारी संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ एक महिला ने रेप का आरोप लगाया है. मामला पिछले साल ही दानापुर के एसीजेएम कोर्ट में दायर किया गया था. लेकिन एसीजेएम कोर्ट ने इस आधार पर केस खारिज कर दिया था कि पीडिता सुनवाई की तारीख पर हाजिर नहीं हुई. बाद में मामला हाई कोर्ट पहुंचा. पीडिता की याचिका पर इस मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. हाई कोर्ट ने इस गंभीर मामले को खारिज करने वाली निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए कड़ी टिप्पणी भी की थी.
दरअसल महिला ने 2021 में ही पटना पुलिस को कई दफे आवेदन देकर संजीव हंस और गुलाब यादव के खिलाफ FIR दर्ज करने की गुहार लगाई थी. पुलिस ने जब कोई कार्रवाई नहीं की तो पटना के दानापुर कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया था. इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए दानापुर के ACJM ने पटना पुलिस को महिला की शिकायत भेजी और पुलिस से प्राथमिक जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था. ACJM के निर्देश के बाद कई डेट गुजर गए लेकिन पटना पुलिस ने प्रभावशाली IAS और राजनेता पर लगे आरोपों की जांच रिपोर्ट कोर्ट को नहीं सौंपी.लंबे समय तक पुलिस की रिपोर्ट नहीं आने के बाद निराश महिला ने दानापुर कोर्ट जाना बंद कर दिया. इसके बाद इस साल सितंबर में दानापुर ACJM की कोर्ट ने महिला की अर्जी इस आधार पर खारिज कर दिया की वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो रही है.
चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं
पटना हाईकोर्ट के मुताबिक पटना पुलिस को इस मामले की प्राथमिक जांच रिपोर्ट दानापुर एसीजेएम कोर्ट में पेश करनी है. पटना पुलिस ने पहले तो मामले की FIR ही दर्ज नहीं की थी और बाद में जब कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी तो रिपोर्ट भी नहीं भेजी. इस बीच हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि पटना पुलिस को इस मामले की जांच रिपोर्ट देनी होगी. ऐसे में पटना पुलिस के आलाधिकारियों में खलबली है.
पटना पुलिस ने अब तक इस हाईप्रोफाइल मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसे जांच रिपोर्ट देनी ही होगी. पुलिस की मुसीबत ये है कि वह अब रसूखदार लोगों के खिलाफ लगे आऱोपों को दबा नहीं पायेगी. हालिया दिनों में पटना हाईकोर्ट में पटना पुलिस को कई मामलों में जमकर फटकार लगी है. ऐसे में इस मामले में पुलिस फिर फजीहत में नहीं पड़ना चाहती. उधर, आरोप लगाने वाली महिला का दावा है कि उसके पास आईएएस संजीव हंस के कई वीडियो औऱ ऑडियो रिकार्डिंग हैं. वह उसे पुलिस को सुपुर्द करने को तैयार है.
पटना पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अगर महिला के दावे सही हैं तो इस केस में चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि चूंकि अब हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर चुका है लिहाजा पुलिस फूंक फूंक कर कदम बढ़ा रही है. कोशिश ये की जा रही है कि ऐसा कोई प्वाइंट नहीं छोड़ा जाये जिससे कोर्ट में पुलिस की फजीहत हो. बडी बात ये भी है कि आऱोप लगाने वाले महिला का कहना है कि उसके बच्चे की डीएनए टेस्ट करायी जाये. महिला का दावा है कि इससे रेप साबित हो जायेगा. पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये सबसे बड़ा पेंच है, जो पुलिस के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो रही है.
बता दें कि महिला का आरोप है कि राजद के तत्कालीन विधायक गुलाब यादव ने उसे महिला आयोग का सदस्य बनाने का झांसा देकर अपने घर बुलाया और वहाँ उसका रेप किया. इस रेप का वीडियो बना लिया गया. महिला का आरोप है कि रेप के वीडियो के सहारे उसे ब्लैकमेल किया गया. गुलाब यादव ने उसे जबरन पुणे से लेकर दिल्ली के होटलों में बुलाया. जहाँ गुलाब यादव के जोड़ीदार IAS संजीव हंस मौजूद रहते थे. महिला का आरोप है कि संजीव हंस ने उन होटलों में उसके साथ कई दफे रेप किया. इसके कारण उसे एक बच्चा भी हुआ. महिला कोर्ट से ये गुहार लगा रही है कि उसके बच्चे की डीएनए जांच करायी जाये.