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29-May-2021 08:08 AM
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DESK : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत में पडोसी देशों से शरणार्थी बन कर आय़े गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान, बांग्लादेश औऱ अफगानिस्तान से आय़े गैर मुस्लिम शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन देने को कहा है. फिलहाल वैसे शरणार्थियों से आवेदन मांगे गये हैं जो देश के पांच राज्यों गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान औऱ छत्तीसगढ के 13 जिलों में रह रहे हैं.
CAA नहीं 1955 के नागरिकता कानून का लिया सहारा
सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश औऱ अफगानिस्तान से आये शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए मोदी सरकार के उस सीएए कानून का सहारा नहीं लिया जिसके पारित होने के बाद देश भर में हंगामा हुआ था. भारत में 1955 में बने नागरिकता कानून औऱ उस कानून को अमल में लाने के लिए 2009 में बनी नियमावली के आधार पर ये आवेदन मांगे गये हैं. 1955 हो या 2009, केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, मोदी सरकार ने उसी का सहारा लिया है.
CAA अटका पडा है
गौरतलब है कि तकरीबन दो साल पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून यानि CAA बनाया था. संसद से इसके पास होने के बाद एक वर्ग ने देश भर में इसका विरोध किया था. लेकिन दो साल बीतने को हैं केंद्र सरकार ने CAA के नियम कानून ही तय नहीं किये हैं. अब तक ये कानून अमल में नहीं लाया गया है. गौरतलब है कि सीएए के खिलाफ उत्पात के बाद 2020 में दिल्ली में दंगे भी हुए थे. मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून सीएए के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न के शिकार उन हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आये हैं.
इस बीच देश में पहले से बने कानून के तहत केंद्र सरकार ने 28 मई से आवेदन मंगवाना शुरू कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इसमें कहा गया है
‘नागरिकता कानून-1955 की धारा-16 में दिए गए अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को धारा-5 के तहत भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने या धारा-6 के अंतर्गत भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र देने का फैसला किया है. गुजरात के मोरबी, राजकोट, पाटन और वडोडरा, छत्तीसगढ के दुर्ग और बलोदाबाजार , राजस्थान के जालौर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर औऱ सिरोही, हरियाणा के फरीदाबाद औऱ पंजाब के जालंधर में रह रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम इसके तहत भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन