बेटी की शादी से पहले होने वाले दामाद के साथ सास फरार, मोबाइल फोन बना इस अनोखे प्रेम कहानी का सूत्रधार Paresh Rawal: क्यों वीरू देवगन की सलाह पर 15 दिनों तक खुद का ही पेशाब पीते रहे परेश रावल, बाद में डॉक्टर्स भी रह गए थे हैरान पटना में बना अनोखा रिकॉर्ड, लॉ प्रेप ने रचा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Manoj Bajpayee: खुद को 'सस्ता मजदूर' क्यों मानते हैं मनोज बाजपेयी? कारण जान आप भी कहेंगे ‘ये तो सरासर नाइंसाफी है’ दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Bihar Crime News: जमीनी विवाद को लेकर 2 पक्षों में खूनी संघर्ष, आधा दर्जन लोग घायल, गांव में दहशत का माहौल बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अधिकारियों का तबादला, देखिए पूरी लिस्ट.. Chhaava: “छावा की सफलता का श्रेय विकी को नहीं जाता बल्कि..”, महेश मांजरेकर के बयान से मच गई सोशल मीडिया पर सनसनी Bihar Crime News: युवक की सरेआम हत्या से हड़कंप, बदमाशों ने बैक टू बैक दागी तीन गोलियां
21-Jan-2020 08:56 PM
By
PATNA : बिहार पुलिस के अधिकारियों से जो काम खुद नीतीश कुमार नहीं करवा पाये वो अब DGP गुप्तेश्वर पांडेय करावेयेंगे. डीजीपी ने एलान किया है कि उनके निर्देश पर बिहार पुलिस के तमाम बड़े अधिकारी महीने में एक दिन गांव में गुजारेंगे. ये अलग बात है कि खुद नीतीश कुमार अपने अधिकारियों को ये बात कह कर हार गये शायद ही किसी ने उनकी बात सुनी.
डीजीपी का एलान
दरअसल बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इन दिनों क्षेत्र के दौरे पर हैं. भागलपुर में उन्होंने पुलिस आपके द्वार कार्यक्रम की शुरूआत की. इस मौके पर DGP ने एलान कर दिया कि पुलिस के छोटे बड़े अधिकारी अब गांव में रात गुजारेंगे. SP, DIG, IG के साथ साथ DGP हर महीने एक रात गांव में गुजारेंगे. डीएसपी 15 दिन में से एक दिन गांव में रहेंगे. वहीं थानेदार हर सप्ताह एक दिन गांव में गुजारेंगे.
DGP ने निर्देश दिया है कि गांवों में डेरा डाल कर पुलिस अधिकारी लोगों की शिकायत सुनेंगे और उसे ऑन द स्पॉट निपटाने की कोशिश करेंगे. डीजीपी ने कहा कि पुलिस हेडक्वार्टर इसकी मॉनिटरिंग करेगा. जल्द ही हर पुलिस अधिकारी को राज्य पुलिस मुख्यालय से एक फार्मेट मिल जायेगा. गांव में रात गुजारने के बाद पुलिस अधिकारी उस फार्मेट को भर कर अपने हेडक्वार्टर भेजेंगे. उस आधार पर उनके काम का मूल्यांकन किया जायेगा.
नीतीश की नहीं सुनी तो क्या डीजीपी की बात मानेंगे अधिकारी
ये वही फरमान है जिसे सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार बार-बार अपने अधिकारियों के सामने दुहराते रहे. 2005 में सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ अपनी हर मीटिंग में DM-SP के साथ दूसरे अधिकारियों के महीने में एक रात गांव में बिताने का निर्देश दिया. लगातार पांच साल तक नीतीश कुमार ये फरमान सुनाते रहे लेकिन शायद ही किसी अधिकारी ने उनकी बात सुनी. ऐसे में सवाल ये है कि क्या बिहार के पुलिस अधिकारी डीजीपी की बात सुनेंगे.