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06-Aug-2021 11:33 AM
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DELHI : पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सांस अटकी है. तृणमूल कांग्रेस को अब यह डर सताने लगा है कि अगर कोरोना के मामले कम नहीं पड़े तो आयोग पश्चिम बंगाल में विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं कराएगा. विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को हार का मुंह देखना पड़ा था. चुनाव हारने के 6 महीने के अंदर उन्हें चुनाव जीतकर सदन में पहुंचना है. पश्चिम बंगाल में उनके लिए पार्टी के विधायक ने भवानीपुर सीट से इस्तीफा दे दिया था. अब इस्तीफे के बाद खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव होना है और ममता बनर्जी इसी सीट से उम्मीदवार होंगी.
लेकिन तृणमूल कांग्रेस की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि राज्य के अंदर संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. अगर इसी तरह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती रही तो आयोग कहीं इसका हवाला देकर चुनाव कराने से इनकार न कर दे. ममता बनर्जी ने पिछला विधानसभा चुनाव और नंदीग्राम सीट से लड़ा था लेकिन उन्हें बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से हार का मुंह देखना पड़ा था. ममता की हार मामूली अंतर से हुई थी लेकिन इसके बावजूद मुख्यमंत्री बन गई. क्योंकि उनकी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की थी. तृणमूल कांग्रेस ने 294 सदस्यों वाली विधानसभा में 283 सीटें हासिल कर ममता ने तीसरी बार अपनी सरकार बनाई. लेकिन नियमों के मुताबिक उन्हें अब विधानसभा का सदस्य भी चुनकर आना है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए यह जरूरी है कि वह हर हाल में 4 नवंबर तक विधायक बन जाएं. ममता के लिए भवानीपुर से उनके विधायक ने सीट खाली कर दी लेकिन उप चुनाव की घोषणा आयोग को करनी है. ऐसे में आज तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग से मिलने वाला है. संभव है कि भवानीपुर सीट पर उपचुनाव की घोषणा जल्द होगी और इसके लिए आयोग के सामने तृणमूल कांग्रेस के नेता अपना पक्ष रखेंगे.