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11-Aug-2020 03:12 PM
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PATNA : मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के इस बयान के बाद बिहार की सियासत गर्म है, जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव समय पर कराने की बात कही है। आरजेडी और लोक जनशक्ति पार्टी पहले ही इस मामले पर अपना विरोध दर्ज करा चुकी है. अब कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग के रुख पर ऐतराज जताया है.
कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि बिहार में हालात बेहद खराब है और ऐसे में चुनाव आयोग को बिहार को को प्रयोगशाला बनाने से परहेज करना चाहिए. प्रेमचंद्र मिश्रा ने समय पर बिहार में चुनाव होंगे संबंधी मुख्य चुनाव आयुक्त के बयानों को निराशाजनक बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग कोविड19 के बेतहाशा बढ़ते संक्रमण का प्रयोगशाला बिहार को नहीं बनाये.
उन्होंने आगे कहा कि जब अधिकांश दलों ने अब तक तीन बार आयोग से कहा है की कोरोना को लेकर अभी जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है वह निष्पक्ष और संक्रमण मुक्त चुनाव के लिए बिल्कुल ही उचित नहीं है. ऐसे हालात में चुनाव फर्जी तरीकों से हो सकता है लेकिन वास्तविक चुनाव के लिए आमलोगों की भागीदारी होना जरूरी है. उन्होंने बताया कि पिछले 3 सप्ताह से संक्रमित मरीजों और मृतकों की संख्या जिस तेजी से बढ़ी है. वह ना सिर्फ चिंताजनक बल्कि सामुदायिक संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो गया है. पिछले 15-20 दिनों में लगभग 46 हजार नए संक्रमित मरीज चिन्हित किये गए हैं और प्रतिदिन 15 से 20 के औसत से लोग मौत के शिकार भी हो रहे हैं. फिर भी चुनाव नियत समय पर होंगे कह कर चुनाव आयोग ने असंवेदनशील और गैर जिम्मेदार रुख अपनाया है.
कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा पूछा कि क्या चुनाव आयोग पे कोई राजनीतिक दवाब है ? क्या चुनाव आयोग आम मतदाताओं, राजनीतिक लोगों, चुनावकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों को संक्रमण मुक्त चुनाव की गारंटी देगा ? उन्होंने कहा कि इस सबके बावजूद अगर चुनाव आयोग सत्तारूढ़ भाजपा-जदयू चुनाव कराने पे आमादा हैं तो यह बिहार के लोगों में लिए अत्यंत ही खतरनाक साबित हो सकता है. उन्होंने पूछा कि कहीं चुनाव आयोग कोविड 19 की वजह से उत्पन्न संक्रमण के बीच चुनाव कराने को लेकर बिहार की जनता के साथ कोई प्रयोग तो नही कर रहा है ?