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06-Nov-2024 07:21 AM
By First Bihar
PATNA : छठ पूजा को लेकर पूरा बिहार सज -धज कर तैयार है। 102 गंगा घाट सज-धज कर छठ के लिए तैयार हो चुके हैं. वहां पहुंच पथ, चेंजिंग रूम, चेक पोस्ट, लाइट पोस्ट, कंट्रोल रूम आदि बन कर तैयार हो गये हैं और रोशनी से उन्हें जगमग कर दिया गया है। एक नवंबर की रिपोर्ट के आधार पर खतरनाक घाट की संभावित सूची में शामिल पांच घाटों में से चार घाटों-राजापुर पुल घाट, बांसघाट, पहलवान घाट और बुद्धा घाट को खतरनाक घाट की सूची से बाहर कर दिया गया है और केवल एक एलसीटी घाट को ही अद्यतन स्थिति के अनुसार प्रशासन ने खतरनाक घाट माना है।
इसके अलावा छह घाटों-टीएन बनर्जी घाट, जजेज घाट, मिश्री घाट, अदालत घाट, बड़हरवा घाट, करनालगंज घाट और गुलबी घाट को अनुपयुक्त घोषित किया गया है, क्योंकि इन घाटों से नदी की धारा दूर हो गयी है, जिससे यहां पानी की कमी है। दीघा स्थित घाट संख्या 93 से 83 तक सबसे लंबा और चौड़ा पाट है। यहां छठव्रतियों को लगभग सवा किमी लंबा और 300 से 400 मीटर तक चौड़ा बालू का समतल पाट मिलेगा, जहां बने पार्किंग स्थल पर न केवल वाहन खड़े कर सकेंगे, बल्कि छठव्रतियों को दउरा रखने और परिजनों को भी वहां खड़े रहने की अधिक जगह मिलेगी।
यहां लगभग एक लाख व्रती छठ कर सकते हैं। गंगापथ से सीधे जुड़े होेने से यहां पहुंचना भी बहुत आसान है। छिछला सतह होने से यहां पानी में 80-90 फुट की दूरी तक महज तीन से चार फुट की गहराई है, जहां बैरिेकेडिंग की गयी है। कलेक्टेरिएट-महेंद्रू घाट पर कई जगह 100 फुट तक की दूरी पर बैरिकेडिंग की गयी है। दोनों की लगभग 500-500 मीटर की चौरस भूमि इस तरह बाहर निकली है कि उनके सिरे एक दूसरे से मिल गये हैं। इससे इन दोनाें घाटों पर आने वाले व्रतियों को लगभग एक किमी लंबी और 300-400 मीटर चौड़ी बालुई पट्टी मिलेगी, यहां 70-80 हजार व्रती और श्रद्धालु आसानी से अर्घ दे सकेंगे।
पाटीपुल भी सर्वाधिक चौड़ी व समतल गंगा घाटों में से एक है, जो गंगापथ से सटे होने से व्रतियों के लिए आने-जाने की दृष्टि से भी बेहद सुविधाजनक हैं। पास ही शिवा घाट व जनार्दन घाट होने से इनकी सम्मिलित चौड़ाई लगभग आधा किमी हो जाती है, जहां 30-40 हजार व्रती छठ कर सकते हैं। लेकिन, यहां पानी में कुछ ही दूरी पर गहराई होना बड़ी परेशानी है, जिससे 15-20 फुट की दूरी पर ही यहां बैरिकेडिंग करनी पड़ी है।
इधर, बंशीघाट-कालीघाट से पटना काॅलेज घाट तक पानी की कमी से परेशानी हो सकती है. इन घाटों से पानी 10 से 20 फुट तक दूर हो गयी है और गंगापथ के ठीक नीचे पहुंच गयी है। बैरिकेड लगे क्षेत्र में जल का स्तर महज एक से दो फुट ही है और वह भी अगले दो दिनों में यदि थोड़ा और कम होता है, तो छठव्रतियों को अर्घ उठाने के लिए यहां पानी भी नहीं मिल पायेगा।