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18-Dec-2024 03:53 PM
By Viveka Nand
Bihar Politics: बिहार में सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा लेने वाली एक महत्वपूर्ण और चर्चित संस्था के मेंबर साहब इन दिनों सत्ताधारी दल के दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं. मेंबर साहब दिन के उजाले में ही रूलिंग पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंच गए. आयोग के मेंबर साहब को देखते ही लोग आश्चर्य में पड़ गए, और तरह-तरह की सुगबुगाहट शुरू हो गई. प्रतियोगी परीक्षा में हुए कई विवादों से जहां यह संस्था कटघरे में है, वहीं उसी संस्था के मेंबर साहब पार्टी कार्यालय में नेताओं की परिक्रमा कर रहे हैं. विपक्षी पार्टी और छात्र-शिक्षक नेता लगातार प्रतियोगी परीक्षा का संचालन करने वाली उक्त संस्था को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. ऐसे में चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर मेंबर साहब सत्ताधारी दल के दफ्तर जाकर क्या बताना चाहते हैं ?
भगवा पार्टी के दफ्तर पहुंच गए मेंबर साहब
चूंकि मेंबर साहब, दिन के उजाले में अपनी गाड़ी से सत्ताधारी गठबंधन के बड़े दल के प्रदेश कार्यालय पहुंचे थे. वे शायद इस भ्रम में थे कि उन्हें कोई पहचान नहीं पायेगा, लेकिन दांव उल्टा पड़ गया. पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मौजूद कई नेताओं ने उन्हें पहचान लिया. जिससे मामले का खुलासा हो गया. बात मीडिया तक पहुंच गई है. इसके बाद चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर इतने महत्वपूर्ण आयोग के मेंबर साहब को राजनैतिक दल के प्रदेश कार्यालय में आने की क्या जरूरत पड़ी..क्या अब वे भी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं ?
सत्ताधारी दल के दफ्तर पहुंचने के पीछे का क्या है राज...
सत्ताधारी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मौजूद लोगों ने बताया कि मेंबर साहब कई नेताओं से मुलाकात करने को इच्छुक थे. इस दौरान एक विधान पार्षद से भी मुलाकात हुई. साथ ही पार्टी के कई अन्य नेताओं से भी आयोग के मेंबर ने मुलाकात की. इस दौरान किसी ने वीडियो भी बना लिया है. जिसमें सूबे के सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा का संचालन करने वाली संस्था के मेंबर साहब बचते हुए नजर आ रहे हैं. अब...किस मकसद से कमीशन के मेंबर साहब बिहार की सत्ताधारी पार्टी के कार्यालय पहुंचे, यह तो वही बता सकते हैं, लेकिन चर्चा जबरदस्त है.
सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा आयोजित करती है यह संस्था
बता दें, मेंबर साहब उस संस्था के सदस्य हैं, जिसकी इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. इस संस्था पर सरकारी नौकरी को लेकर परीक्षा के सफल और कदाचारमुक्त परीक्षा का आयोजन कराने की जिम्मेदारी है. इस संस्था में अध्यक्ष के अलावे पांच सदस्य हैं. बता दें, प्रो, साहब को राज्य सरकार ने 4 साल पूर्व ही 6 सालों के लिए आयोग का मेंबर बनाया था.