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25-Oct-2021 08:52 PM
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DESK: यूपी के बलिया स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान में वीआईपी की जन चेतना रैली आयोजित की गयी। इस दौरान रैली में मौजूद निषाद समाज के बच्चों को मुकेश सहनी ने हेलिकॉप्टर से घुमाया। मुकेश सहनी खुद हेलिकॉप्टर में सवार थे और उनके साथ तीन बच्चे और एक बुजुर्ग थे जिन्हें मुकेश सहनी ने पूरा बलिया शहर घुमाया। जिसके बाद मुकेश सहनी ने जन चेतना रैली को संबोधित किया। वीआईपी के सुप्रीमो मुकेश सहनी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मांगने से भीख मिल सकती है अधिकार व सम्मान नहीं। वीआईपी मिशन 2022 में किंग नहीं तो किंगमेकर बनेगी।
विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार सरकार के पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी सोमवार को यूपी के बलिया में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। वीआईपी पार्टी की जन चेतना रैली में यूपी की जनता को उन्होंने संबोधित किया। इस दौरान मुकेश सहनी ने कहा कि कोई राम को मानता है कोई रहीम को,हम फूलन देवी जी को मानते हैं।हमारी आस्था फूलन जी में है और वही हमारे लिए पूज्यनीया व आदर्श हैं। उक्त बातें विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक व बिहार सरकार में पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री सन् ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी ने निषाद आरक्षण अधिकार जनचेतना रैली को सम्बोधित करते हुए कहा।
बलिया नगर स्थित टाउन पॉलिटेक्निक कॉलेज के मैदान में वीआईपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजाराम बिन्द के संयोजकत्व व जिलाध्यक्ष हरेराम साहनी की अध्यक्षता में आयोजित रैली में मुकेश सहनी ने कहा कि मांगने से सिर्फ भीख मिल सकती है,अधिकार नहीं।वीआईपी निषाद समाज सहित अतिपिछड़ों,वंचितों,अकलियतों को याचक नहीं शासक बनाने के लिए प्रयास कर रही है।विगत 25 जुलाई को हमने उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में अपनी आदर्श फूलन देवी जी की 18-18 फ़ीट ऊंची प्रतिमाएं उनकी 20 वीं पुण्यतिथि पर स्थापित कर माल्यार्पण हेतु भेजा,लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने व स्थापित करने से रोक दिया।पर,हम भी मानने व डरने वाले नहीं,हम फूलन जी की 50 हजार मूर्तियाँ,5 लाख लॉकेट व 10 लाख कैलेंडर गाँव गाँव में बंटवाएँगे।
मुकेश सहनी ने कहा कि अब श्रीराम-निषादराज की मित्रता के नाम पर भाजपा को निषाद समाज वोट नहीं करेगा।निषाद समाज को अनुसूचित जाति का आरक्षण व उनका अधिकार चाहिए।उत्तर प्रदेश में मझवार,गोंड़, तुरैहा,बेलदार,खरवार,खैरहा,खोरोट 1950 से अनुसूचित जाति में शामिल हैं,पर इन जातियों को जाति प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है,जो संविधान विरुद्ध है।
मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार में हमारी पार्टी के 4 विधायक और ,वीआईपी पार्टी राजग का अंग हैं, नीतीश कुमार जी को वीआईपी का समर्थन है।मिशन 2022 में वीआईपी अपने नाव चुनाव चिन्ह पर मजबूती से चुनाव लड़ाएगी,इसके लिए 169 सीटों को चिन्हित किया गया है,जहाँ निषाद, बिन्द, कश्यप का मजबूत आधार है।वीआईपी निषाद वोटबैंक आधारित सभी जाति, वर्ग व धर्म की पार्टी है।हम सबको साथ लेकर व सम्मान देकर आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक नेता स्वघोषित पोलिटिकल गॉडफादर ऑफ फिशरमैन कहते हैं,पर निजी स्वार्थ में राजनीतिक धर्म भूलकर एक टिकट के लिए बंधक बन जाते हैं।गोरखपुर के उपचुनाव में अपने बेटे को सपा से तो 2019 में उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार में शामिल कराकर चुनाव लड़वाते हैं और 2021 में स्वयं एमएलसी बन जाते हैं।यह कैसा गठबंधन और कहां गयी उनकी पार्टी?उनके पोस्टर से निषादराज का फोटो गायब है,अब वहां उत्तरप्रदेश की मौजूदा नेताओं का फोटो लग रहा है।
हम संजय निषाद के नहीं, उनकी रीति-नीति व नियत का विरोधी हूँ।वीआईपी संस्थापक ने कहा कि जब पश्चिम बंगाल, उड़ीसा,दिल्ली में निषाद जातियों को एससी का आरक्षण है तो उत्तर प्रदेश, बिहार,झारखण्ड के मल्लाह,केवट, बिन्द, धीवर,कहार,तुरहा, माँझी को क्यों नहीं?हम मिशन-2022 में अपने बलबूते चुनाव लड़ाएंगे,जीतेंगे नहीं तो विरोधी को सैकड़ों सीटों पर हरा देंगे। आज बलिया में श्री मुकेश सहनी जी ने रैली में मौजूद बच्चों को हेलीकॉप्टर पर घुमाया, बच्चे हेलीकॉप्टर की सवारी कर बेहद खुश थे, उनके लिए यह एक सपने जैसा था।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने निषाद चेतना रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, निषाद समाज को अब आड़ या पार की लड़ाई लड़नी होगी, अभी नही तो कभी नही, अगर निषाद समाज एकजुट होकर आरक्षण की लड़ाई लड़ेंगे तो सरकार को हर हाल में निषाद समाज को आरक्षण देना होगा, निषादों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उपेक्षा का शिकार बनाया गया है, उनसे उनकी रोजी रोटी छीनी जा रही हैं, 2022 में ऐसे सामंतवादी विचारधारा वाली सरकार को मुख की खानी पड़ेगी।
वीआईपी के प्रदेश अध्यक्ष चौ. लौटनराम निषाद ने कहा कि निषाद परजूनिया व कटपीस नहीं,थानवाली जातियों का समूह है।जिनका उत्तर प्रदेश में 16 प्रतिशत से अधिक आबादी है। बालू मोरंग खनन व मत्स्य पालन पेशा को सार्वजनिक रूप से नीलाम कर निषाद मछुआरों की रोजी रोटी छीन लिया। उन्होंने कहा कि कहाँ गया उत्तरप्रदेश सरकार का दृष्टि पत्र,चुनाव घोषणा पत्र व मछुआरा दृष्टि पत्र/फिशरमैन विज़न डाक्यूमेंट्स का संकल्प? अनुसूचित जाति का आरक्षण का राजपत्र,शासनादेश व 1994-95 का परम्परागत पेशा सम्बंधित शासनादेश की बहाली नहीं तो उत्तरप्रदेश सरकार को समर्थन व उससे गठबंधन नहीं।
निषाद ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने सेंसस-2021 में जातिगत आधार पर जनगणना कराने का वादा किया था,पर अब सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर ओबीसी की जनगणना कराने से मुकर रही है।जब एससी, एसटी,धार्मिक अल्पसंख्यक(मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध,जैन,पारसी,रेसलर),ट्रांसजेंडर, दिव्यांग के साथ साथ पेड़ों,जानवरों की गणना कराती है,तो पिछडों व अगड़ों की क्यों नहीं?यह सरकार नफरत व बिखराव की राजनीति करती हैं ,यह सरकार कभी सामाजिक न्याय नहीं कर सकती।सरकारी संस्थानों का निजीकरण पिछडों,दलितों को प्रतिनिधित्व से वंचित करने की साज़िश है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजाराम बिन्द ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब उत्तरप्रदेश सरकार के वादे पर विश्वास नहीं।जब सामान्य वर्ग की जातियों को संविधान व सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था से परे जाकर 48 घण्टे के अंदर ईडब्ल्यूएस के नाम से 10 प्रतिशत आरक्षण कोटा दे दिया गया तो निषाद जातियों को देने में देरी क्यों?
रैली को प्रदेश महासचिव अनुराग सिंह यादव अन्नु, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुदयाल निषाद, प्रदेश सचिव मनोज यादव,राजेन्द्र प्रसाद निषाद,कामेश्वर साहनी,मण्डल अध्यक्ष मानिकचन्द साहनी,जिला प्रभारी राम विलास बिन्द,युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव सन्दीप कुमार निषाद भोला,अखिलेश बिन्द, वीरेन्द्र बिन्द, प्रेमचंद राजभर,अर्जुन बिन्द, गुलाबचंद निषाद,आज़मगढ़ जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश निषाद,जौनपुर जिलाध्यक्ष इंद्रजीत निषाद एडवोकेट, कालीचरण बिन्द, दूधनाथ निषाद, कालीचरण निषाद, पदुमदेव बिन्द,सुधीर कुमार बिन्द आदि ने सम्बोधित किया।