Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं Bihar Rain Alert: बिहार में बदलेगा मौसम का मिजाज, 26 से 30 अप्रैल तक होगी आंधी-बारिश Bihar Crime News: संत पॉल एकेडमी में महिला सफाईकर्मी के साथ रेप, स्कूल के शिक्षक पर जबरन दुष्कर्म करने का आरोप Bihar News: थाने का ड्राइवर ही निकला गांजा तस्कर, SP की नजरों में आने के बाद हुआ खुलासा Bihar News: बिहार के CRPF जवान की आत्महत्या से हड़कंप, बैरक में सर्विस रायफल से समाप्त की जीवन लीला PSL 2025 Broadcast Suspended: पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा फैसला, अब भारत में नहीं दिखेंगे पाक में होने वाले मैच Pahalgam Terrorist Attack: आतंकी हमले में मारे गये IB अफसर मनीष रंजन के परिजनों से मिली पवन सिंह की पत्नी, बोलीं..कायराना हरकत करने वालों को दें मुंहतोड़ जवाब Bihar News: बिहार के एक SDO को नहीं मिली राहत, DM की रिपोर्ट पर मिली थी सजा Cricket News: “युवराज उसे क्रिस गेल बना देगा”, अर्जुन तेंदुलकर पर योगराज सिंह का बड़ा बयान, फैंस बोले “चाचा, वो गेंदबाज है”
04-Apr-2025 09:35 AM
By First Bihar
UPSC: माधोपट्टी को ‘आईएएस-आईपीएस गांव’ कहते हैं, और यह नाम कोई अतिशयोक्ति नहीं है। देशभर में अपनी अनूठी पहचान रखने वाला यह छोटा सा गाँव शिक्षा और प्रशासनिक सफलता का ऐसा केंद्र बन चुका है, जो युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
छोटा गांव, बड़ी उपलब्धियाँ
जौनपुर जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर दूर बसा माधोपट्टी गांव देखने में आम लगता है। यहाँ सिर्फ 75 परिवार रहते हैं, लेकिन इन घरों से निकले 40 से ज्यादा लोग IAS, IPS और PCS अधिकारी बन चुके हैं। यह आँकड़ा इतना चौंकाने वाला है कि इसे देश की ‘अफसरों की फैक्ट्री’ कहा जाने लगा। यहाँ की मिट्टी में कुछ खास बात है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी प्रतिभाएँ उगा रही है।
एक परिवार, पाँच अफसर
माधोपट्टी की सबसे बड़ी खासियत है यहाँ की परंपरा। यहाँ कई परिवारों में अफसर बनने का सिलसिला पीढ़ियों से चल रहा है। एक ही परिवार से पाँच लोग IAS और IPS बन चुके हैं। 1952 में डॉ. इंदुप्रकाश सिंह ने इसकी शुरुआत की, जो IFS बनकर फ्रांस जैसे देशों में भारत के राजदूत रहे। इसके बाद उनके चार भाइयों.. विनय कुमार सिंह, छत्रपाल सिंह, अजय सिंह और शशिकांत सिंह ने भी IAS की परीक्षा पास की। विनय बिहार के मुख्य सचिव बने, तो छत्रपाल तमिलनाडु के शीर्ष पद पर पहुँचे। यह परंपरा आगे बढ़ी, जब 2002 में शशिकांत के बेटे यशस्वी ने 31वीं रैंक के साथ IAS बनकर परिवार का नाम रोशन किया। यह सिर्फ एक परिवार की कहानी है, और ऐसे कई परिवार यहाँ हैं।
सिविल सर्विस ही नहीं, हर क्षेत्र में कमाल
माधोपट्टी की प्रतिभा सिर्फ सिविल सर्विस तक सीमित नहीं है। यहाँ के युवाओं ने सेना, विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी छाप छोड़ी है। कुछ लोग ISRO में वैज्ञानिक हैं, तो कुछ विश्व बैंक और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में बड़े पदों पर काम कर रहे हैं। यहाँ की बहुएँ भी पीछे नहीं हैं, कई ने PCS और अन्य प्रशासनिक परीक्षाओं में टॉप किया है। यह गांव साबित करता है कि प्रतिभा लिंग या क्षेत्र की मोहताज नहीं होती।
माधोपट्टी की सफलता का राज है यहाँ का शिक्षा के प्रति प्यार। यहाँ हर घर में किताबों की खुशबू और पढ़ाई का शोर सुनाई देता है। माता-पिता बच्चों को छोटी उम्र से ही बड़े सपने देखने की प्रेरणा देते हैं। खास बात यह है कि यहाँ कोई बड़ा कोचिंग सेंटर नहीं है। यहाँ के युवा अपनी मेहनत और लगन से UPSC जैसी कठिन परीक्षा पास करते हैं।
माधोपट्टी उन लाखों युवाओं के लिए मिसाल है, जो सिविल सर्विस में जाना चाहते हैं। यहाँ की कहानी बताती है कि सफलता के लिए बड़े शहरों या मोटी फीस वाली कोचिंग की जरूरत नहीं। अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो और मेहनत सच्ची, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 16 मई 2024 को जौनपुर की एक सभा में इस गांव का जिक्र किया था। उन्होंने कहा, “आपके पास तो अफसरों की फैक्ट्री है।” यह बात यहाँ के लोगों के लिए गर्व की बात बन गई।