Bihar News: बिहार के दो थानेदारों को SSP ने किया लाइन हाजिर, सरकारी काम में लापरवाही पड़ी भारी Bihar News: बिहार के दो थानेदारों को SSP ने किया लाइन हाजिर, सरकारी काम में लापरवाही पड़ी भारी Bihar Police Alert: स्वतंत्रता दिवस और चेहल्लुम को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने जिलों को जारी किए निर्देश Bihar Police Alert: स्वतंत्रता दिवस और चेहल्लुम को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, पुलिस मुख्यालय ने जिलों को जारी किए निर्देश Bihar Crime News: बिहार में बैंक के 251 खातों से 5.58 करोड़ की साइबर ठगी, ईओयू ने दर्ज किया केस Bihar Crime News: बिहार में बैंक के 251 खातों से 5.58 करोड़ की साइबर ठगी, ईओयू ने दर्ज किया केस Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा, तीन नाबालिग लड़कियां बरामद; भारी मात्रा में मिलीं गर्भ निरोधक गोलियां Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा, तीन नाबालिग लड़कियां बरामद; भारी मात्रा में मिलीं गर्भ निरोधक गोलियां Bihar Election 2025: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख तय, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ होगी चर्चा Bihar Election 2025: कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख तय, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ होगी चर्चा
10-Apr-2025 08:50 AM
By KHUSHBOO GUPTA
MP News: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के एक सरकारी कॉलेज में एक चपरासी छात्रों की आन्सर शीट चेक कर रहा था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। जिसके बाद एक घोटाला सामने आया और तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया साथ ही प्रिंसिपल और एक प्रोफेसर को भी निलंबित कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय विधायक ठाकुर दास नागवंशी ने इस मुद्दे को उठाया। उच्च शिक्षा विभाग ने एक जांच समिति गठित की, जिसने 3 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट पेश की। अगले ही दिन प्रिंसिपल राकेश कुमार वर्मा और मूल्यांकन के नोडल अधिकारी प्रोफेसर रामगुलाम पटेल को निलंबित कर दिया गया। वर्मा का आरोप है कि स्थानीय राजनेता उन्हें निशाना बना रहे हैं। उन्हें 3 महीने में तीन बार हटाया जा चुका है।
अब इस बात का पता चला है कि हिंदी की कॉपी जांचने वाले चपरासी ने अंग्रेजी में मास्टर डिग्री की है। वायरल हुए क्लिप में चपरासी को पूरी गंभीरता से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करते, टिक मार्क लगाते और अंक लिखते हुए दिखाया गया। जिसके बाद जांच हुई। समिति ने परीक्षा मूल्यांकन के दृष्टिकोण में चौंकाने वाली लापरवाही पाई। अपनी रिपोर्ट में, पैनल ने कहा कि अतिथि व्याख्याता खुशबू पगारे, जो हिंदी पढ़ाती हैं, ने लिखित बयान में स्वीकार किया है कि उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किसी और से करवाया था क्योंकि वह बीमार थीं।
समिति के अनुसार, उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए कॉलेज के ही राकेश कुमार मेहर को 7,000 रुपये दिए। मेहर ने बदले में उत्तर पुस्तिकाओं को चपरासी पन्नालाल पठारिया को सौंप दिया और उसे 5,000 रुपये दिए, जिसमें से 2,000 रुपये उसने अपने पास रख लिए, ऐसा प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी के निलंबन आदेश में कहा गया है। पगारे, मेहर और पठारिया को बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया।