ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के तीसरे एक्सप्रेस-वे को केंद्र सरकार से मिली मंजूरी, रामजानकी मार्ग को लेकर आया बड़ा अपडेट Expressway in Bihar: बिहार के इस जिले को मिलेगा नया बाइपास, 19.32 करोड़ की लागत से बनेगा 2.36 किमी लंबा रास्ता Bihar Politics: सहरसा में किशोर कुमार “मुन्ना” का जोरदार स्वागत, प्रशांत किशोर के प्रस्तावित दौरे को लेकर हुई अहम बैठक Bihar Politics: सहरसा में किशोर कुमार “मुन्ना” का जोरदार स्वागत, प्रशांत किशोर के प्रस्तावित दौरे को लेकर हुई अहम बैठक Bihar Politics: विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बिहार बीजेपी, कार्यकर्ताओं को एकजुट करने मुहिम शुरू Bihar Politics: विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बिहार बीजेपी, कार्यकर्ताओं को एकजुट करने मुहिम शुरू Spirit Movie: प्रभास के साथ 'स्पिरिट' में अब नजर नहीं आएगी दीपिका, वांगा ने इस वजह से दिखाया बाहर का रास्ता Mansoon 2025: बदलने वाला है मौसम का मिजाज, निकाल लीजिए छतरी; समय से 8 दिन पहले भारत पहुंचा मानसून Mansoon 2025: बदलने वाला है मौसम का मिजाज, निकाल लीजिए छतरी; समय से 8 दिन पहले भारत पहुंचा मानसून Election Commission Mobile Phone Policy:अब मतदान केन्द्रों पर मोबाइल लेकर जा सकेंगे वोटर्स, चुनाव आयोग ने किया खास इंतजाम

Anshul Mishra Contempt Case: कोर्ट ने क्यों सुना दी IAS अंशुल मिश्रा को एक माह की सजा,साथ में जज ने लगाई फटकार

Anshul Mishra Contempt Case: तमिलनाडु में अदालत की अवमानना के एक गंभीर मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने वरिष्ठ IAS अधिकारी अंशुल मिश्रा को एक महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई है।

अंशुल मिश्रा सजा, IAS अधिकारी कोर्ट अवमानना, मद्रास हाईकोर्ट फैसला, जमीन अधिग्रहण मामला, तमिलनाडु हाईकोर्ट, Anshul Mishra Contempt Case, Madras High Court Order, Land Dispute Chennai, TNHB Land Case,

24-May-2025 10:49 AM

By First Bihar

Anshul Mishra Contempt Case: मद्रास हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अंशुल मिश्रा को अदालत की अवमानना का दोषी करार देते हुए  हुए एक महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई है।यह सजा चेन्नई मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (CMDA) के पूर्व सदस्य सचिव के रूप में कोर्ट आदेश की अनदेखी करने के चलते दी गई। साथ ही कोर्ट ने उनके वेतन से याचिकाकर्ताओं को ₹25,000 का मुआवज़ा देने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने हालांकि 30 दिनों की राहत दी है ताकि अधिकारी इस सजा के खिलाफ अपील कर सकें।


1983 से लंबित मामला, जमीन अधिग्रहण से जुड़ा विवाद

यह मामला वर्ष 1983 का है, जब तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड (TNHB) ने चेन्नई में याचिकाकर्ता भाई-बहन आर. ललितांबाई और के.एस. विश्वनाथन की 17 सेंट (करीब 7400 वर्ग फुट) जमीन अधिग्रहित की थी। इस जमीन पर बहुमंजिला इमारतें तो बनाईं गईं, लेकिन उनका वर्षों तक उपयोग नहीं किया गया। पीड़ितों ने जमीन वापसी के लिए CMDA से संपर्क किया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। नवंबर 2023 में हाईकोर्ट ने CMDA को दो महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया था, जिसकी अनदेखी की गई। परिणामस्वरूप, अगस्त 2024 में याचिकाकर्ताओं ने अदालत में अवमानना याचिका दाखिल की।


न्यायमूर्ति वेलमुरुगन की सख्त टिप्पणी

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पी. वेलमुरुगन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गरीब और पीड़ित लोगों को न्याय के लिए सरकारी कार्यालयों और अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। और जब अदालत आदेश देती है, तब भी अधिकारी आदेशों की अनदेखी करते हैं। यह न्यायपालिका और जनता दोनों के साथ अन्याय है। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारियों द्वारा अदालत के आदेशों की अनदेखी एक आम प्रवृत्ति बनती जा रही है, जो न्याय प्रणाली में आमजन के विश्वास को कमजोर करती है। वर्तमान में अंशुल मिश्रा तमिलनाडु अर्बन हैबिटेट डेवलपमेंट बोर्ड (TNUHDB) के प्रबंध निदेशक के पद पर फरवरी 2025 से कार्यरत हैं। इससे पूर्व वे CMDA के सदस्य सचिव के पद पर थे, जब यह मामला उनके समक्ष लंबित था।