ब्रेकिंग न्यूज़

जेब में फटा iPhone-13, गंभीर रूप से झुलसा युवक, Apple की सुरक्षा पर उठे सवाल मोतिहारी में युवक की चाकू मारकर हत्या, परिजनों में मचा कोहराम, SIT का गठन RCBvsRR: “जागो, विपक्षी टीम के गेंदबाजों को कूटो और सो जाओ”, इस सीजन कोहली के पांचवे अर्धशतक के बाद सामने आई फैंस की प्रतिक्रियाएं पहलगाम हमले का मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उच्चायोग के पास, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं

Bihar News: कुछ तो शर्म कीजिए सरकार! किसी ने नहीं सुनी फरियाद तो नदी पर खुद ही पुल बनाने लगे ग्रामीण; ऐसे दिखाया आईना

Bihar News

26-Mar-2025 05:04 PM

By Tahsin Ali

Bihar News: बिहार के पूर्णिया में लोगों ने सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। एक अदद पुल के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक से गुहार लगा चुके इलाके के लोगों की फरियाद जब किसी ने नहीं सुनी तो गांव के लोगों ने बड़ा कदम उठा लिया और खुद से पुल का निर्माण शुरू करा दिया। 


दरअसल, पूर्णिया में सरकार, नेता व प्रतिनिधियों के उदासीनता से ग्रामीणों ने एक ऐसा कदम उठा लिया है, जिसे सुनने वाले हैरत में पड़ गए है। ग्रामीणों ने खुद के पैसों से पुल निर्माण का कार्य ही शुरू करवा दिया है। ग्रामीणों ने जमींदार से ज़मीन की मदद ली और खुद से पाई पाई जोड़कर पुल निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया। पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 4, बिन टोली के समीप कारी कोसी नदी पर ग्रामीणों द्वारा पुल का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। यह पुल पूर्णिया के विधायक और सांसद तथा बिहार सरकार के अधिकारियों के प्रति लोगों की नाराजगी की पहचान है।


इस इलाके के सैकड़ो किसानों की हजारों एकड़ जमीन नदी के उस पार पड़ती है। जिसमें खेती करने के लिए लोगों को भारी दिक्कत हो रही थी। लोग फसल तो लगाते थे लेकिन नदी बीच में रहने के कारण सही तरीके से फसल को घर तक नहीं ला पाते थे। कई बार किसानों को भारी क्षति भी हुई। जिसके बाद यहां के लोगों ने जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों से काफी फरियाद की लेकिन उनकी बातें नहीं सुनी गई। तब इस इलाके के किसानों, ग्रामीणों तथा मजदूरों ने आपसी सहयोग से यहां पुल बनाने का निर्णय लिया और काम प्रारंभ किया गया।


इलाके के लोगों ने बताया कि जो काम सरकार के अधिकारियों जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए था वो किया ही नहीं गया। जब नहीं किया तभी उन लोगों ने खुद इसका बीड़ा उठा लिया और अब निर्माण कार्य हो रहा है। हौंसला दिखाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि हर हाल में वे लोग अपनी समस्याओं को दूर कर के ही रहेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि इस पुल के बनने से उन लोगों की वर्षों की समस्याएं खत्म हो जाएंगी। फसल आसानी से घर तक पहुंच पाएगी। मजदूरी कम लगेगा और नदी पार करने में लोगों के डूब मरने का खतरा भी खत्म हो जाएगा। स्थानीय लोगों ने इसके लिए सभी जमींदारों को धन्यवाद दिया और कहा कि सभी के सहयोग से बन रहा यह पुल समाज कल्याण के लिए है। 


इलाके के लोग इस पुल के बनने से काफी खुश हैं। ग्रामीणों में बहुत से ऐसे लोग भी थे जिन्हें यह पता नहीं था कि पुल किसके माध्यम से बन रहा है, लेकिन पुल बनने पर उन लोगों ने भी काफी खुशी जाहिर की और कहा कि इस इलाके के लिए बहुत ही जरूरी था। सामाजिक लोगों, जमींदारों और ग्रामीणों के सहयोग से बन रहा पुल चर्चा का विषय बन गया है।


ग्रामीणों ने इस पुल निर्माण में आनेवाली बाधाओं के बारे में भी जिक्र किया। उनका कहना था कि हम लोग दशकों से पुल की मांग करते आ रहे थे लेकिन सरकार या अधिकारी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं थे। ग्रामीणों जब खुद से ये बीड़ा उठाया कि कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और पुल निर्माण करवाने में अड़चनें डालने लगे। जिन लोगों का इससे कोई सरोकार नहीं है। ग्रामीण और जमींदार के आपसी सहयोग से पुल निर्माण हो रहा है। अब चाहे जो भी हो पुल निर्माण पूरा होकर रहेगा।