बेतिया में गंडक नदी की तेज धार में बहा चचरी पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजद और कांग्रेस पर बोला हमला, कहा..आरक्षण विरोधी रहा है दोनों पार्टियों का चरित्र Bihar Ias Officers: बिहार के 12 IAS अफसरों को मिली एक और नई जिम्मेदारी, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: बिहार के 544 CO पर हुआ एक्शन, फिर भी अंचल अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा प्रभाव, मंत्री ने की हाईलेवल मीटिंग बेगूसराय में नदी में डूबने से 4 की मौत, खगड़िया में एक बच्ची की गई जान Bihar News: इन जिलों में अगले 2 दिन भीषण बारिश, IMD ने पहले कर दिया सावधान Bihar News: बिहार की इन 8 महिला समेत 13 अफसरों की लगी ड्यूटी, 19-20 तारीख को करेंगे यह काम पटना फतुहा में टाटा कमर्शियल गाड़ियों के सबसे बड़े शोरूम ‘बुद्धा शक्ति’ का उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया शुभारंभ FASTag Yogna: कार, जीप, वैन मालिकों के लिए बड़ी खबर....3000 रू का पास बनाएं और देशभर में करें यात्रा अब घरों में इन्वर्टर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत: बिहार के 15 शहरों में लगने जा रही हाई-कैपेसिटी बैटरी इन्वर्टर, पावर कट होते ही 4 घंटे मिलेगी बिजली
25-Feb-2025 07:32 PM
By FIRST BIHAR
success story : प्लास्टिक इंजीनियरिंग और एमबीए करने के बाद नौकरी कर रहा था कोविड-19 महामारी के दौरान उन्हें शहर छोड़कर गांव लौटना पड़ा लेकिन हार मानाने के वजाय आपदा को अवसर में बदलने की ठानी, यह कहानी है बिहार के रोहतास के आनंद मोहन की।
आनंद मोहन बिहार के रोहतास के रहने वाले है आनंद अपनी सफलता की कहानी को बताते है कि कैसे उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया और आज उनकी करोड़ों की कंपनी खड़ी हो गई है। आनंद कहते है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर लगभग 3 करोड़ रुपये रहा और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। आगे आनंद बताते हैं कि उनके लिए टर्नओवर से ज्यादा महत्वपूर्ण है स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का अवसर बढ़ाना। वहीं अगर सरकार मदद करती है, तो वे अगले साल तक 100 लोगों को रोजगार देने की योजना बना रहे हैं।
पहले आनंद मोहन प्लास्टिक इंजीनियरिंग और एमबीए की पढ़ाई करने के बाद अच्छी-खासी सैलरी पर नौकरी कर रहें थे। लेकिन जब पूरी दुनिया में कोविड-19 महामारी थी उस दौरान आनंद को नौकरी छोड़ अपने घर रोहतास आना पड़ा उसी दौरान आनंद को अचानक व्यवसाय का आइडिया आया। आनंद ने निजी कंपनी में नौकरी करते हुए महसूस किया कि दूसरों के लिए काम करने से बेहतर है कि खुद का व्यवसाय शुरू किया जाए, साथ ही इससे न केवल खुद को मुनाफ़ा होगा बल्कि परिवार के साथ-साथ अपने गांव और समाज के साथ रहकर स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन भी किया जा सकता है।
दरअसल, आनंद ने कारोबार की शुरुआत छह लाख रुपए की मशीन और पांच श्रमिकों के साथ मिलकर एक छोटे से कमरे से शुरू किया। लेकिन धीरे-धीरे लोगों का साथ बढ़ता गया और आज एक छोटा-सा कमरा एक कम्पनी के रूप में तब्दील हो चुकी है, साथ ही 30 से 40 श्रमिक काम कर रहें हैं, जिसमें अधिक संख्या में महिलाएं है. आनंद मोहन ने कहा कि जब मैं शहर में काम कर रहा था तो यह एहसास नहीं हुआ लेकिन शहरों की ऊँची इमारतों और तनख्याह से ज्यादा ख़ुशी अपने गांव में लोगों को काम देने में है।
बता दें कि आनंद की कंपनी में हॉटपॉट, वॉटर जग, स्टील वाटर बॉटल, प्लास्टिक मग, डस्टबिन समेत 22 से 25 तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं। ये वस्तुएं सस्ते, टिकाऊ और क्वालिटी के मामले में बड़े ब्रांड्स के बराबर होते हैं। साथ ही फैक्ट्री के कच्चे माल की आपूर्ति गुजरात, अहमदाबाद, दिल्ली और मुंबई से होती है, जबकि तैयार माल उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल, उत्तराखंड, हरियाणा समेत कई राज्यों में जाता है।