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22-Feb-2025 04:36 PM
By First Bihar
Bihar News: पथ निर्माण विभाग में इंजीनियर और संवेदक मिलकर बड़ा खेल कर रहे. खुलासा होने के बाद भी कार्रवाई में देरी होती है. हालांकि, एक मामले में सरकार ने कार्रवाई की है और 4.5 करोड़ जुर्माने के साथ-साथ कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है. ठेकेदार ने श्रावणी मेले से जुड़े कांवरिया पथ में बड़ा खेल किया था.
उपमुख्यमंत्री-सह-पथनिर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि कांवरिया पथ पर बालू बिछाने और नियमित जल छिड़काव के कार्य में अनियमितता का मामला संज्ञान में आया था । इस संबंध में बाकायदा मुख्यालय से टीम भेजकर सघन जांच की गई.जांच में अनियमितता के प्रमाण मिलने के बाद हमने इस परियोजना से जुड़े संवेदक मेसर्स बालकृष्ण भालोटिया प्रा. लि. को अवैध बालू उपयोग के लिए करीब साढ़े चार करोड़ रुपए जुर्माने के साथ अगले 10 वर्षों के लिए काली सूची में डालने का निर्णय लिया है । साथ ही दोषी अभियंताओं पर नियमानुसार कार्रवाई प्रक्रियाधीन है ।
डिप्टी सीएम ने बताया कि इस परियोजना में कुल 18494.549 वर्गमीटर में गंगा बालू का उपयोग किया गया है । जिसके विरूद्ध 4515.33 वर्गमीटर गंगा बालू का सत्यापित चालान ही उपलब्ध कराया गया । जबकि कार्य विभागों द्वारा लघु खनिजों से जुड़े चालान के सत्यापन के बिना संवेदकों को स्वामित्व भुगतेय नहीं होता .लिहाजा यह मामला कार्य में अनियमितता के साथ-साथ खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशों की अवमानना का भी है।
उन्होंने आगे बताया कि बतौर खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री के रुप में भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने सभी परियोजनाओं के प्राक्कलन कार्य को पूरी सतर्कता के साथ करने के निदेश दिए हैं । इसके साथ ही सरकार ने लघु खनिजों के खनन, परिवहन और भंडारण के अवैध उपयोग तथा राजस्व अपवंचन को रोकने के लिए नई खनन नियमावली में भी संशोधन किया गया है । अब कार्य विभागों से वैध खदान से खनिज क्रय के समर्थन में अपने विपत्रों के साथ खनन विभाग द्वारा निर्गत ई-चालान की प्रति लगाना भी अपेक्षित होगा.अवैध रूप से खनन, परिवहन एवं भंडारण किये गए लघु खनिजों का उपयोग उक्त नियमावली में दंडनीय माना गया है । दंड की राशि कुल खनिज स्वामित्व के 25 गुना और परिवहन वाहनों पर अलग से शमन शुल्क निर्धारित की गई है । संशोधित नियमावली में बगैर परिवहन चालान अथवा चालान में अंकित मात्रा से अधिक बालू/पत्थर आदि लघु खनिज लदे वाहनों को नियंत्रित करने के लिए वाहन के प्रकार के आधार पर दण्ड (शमन शुल्क) को कड़ा करते हुए छोटे एवं बड़े वाहनों के लिए 5 लाख और 10 लाख रुपए तक कर दिया गया है।
विजय सिन्हा ने कहा कियोग्यता और ईमानदारी से काम करने वालों को सरकार का पूरा संरक्षण मिलेगा और दोषी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे ।