Law and Order in Bihar: कटिहार में शराब तस्कर को छुड़ाने के लिए थाना पर हमला, थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मी घायल Rahul Gandhi: वीर सावरकर पर गलत टिप्पणी कर बुरे फंसे राहुल गांधी, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार! Rajeev Nagar Police suspended: पटना के राजीव नगर थाना की मनमानी पर गिरी गाज, 10 पुलिसकर्मी सस्पेंड INDIAN RAILWAY: रेल यात्री ध्यान दें ! 4 दिन बाद बदल जाएगा टिकट बुकिंग का नियम, यात्रा पहले जरूर पढ़ें यह खबर Bihar News : मोतिहारी में अज्ञात वाहन की चपेट में आने से युवक की मौत, परिजनों ने तीन घंटे तक एनएच-28 किया जाम Bihar crime News : मोतिहारी में प्रेम प्रसंग बना खूनी विवाद, युवक की चाकू मारकर हत्या ,18 जून को थी शादी तय INDIAN RAILWAY: इस दिन से दौड़ेगी सहरसा-मुंबई नई अमृत भारत एक्सप्रेस, जाने क्या होगा रूट और टाइमिंग BIHAR NEWS: पहलगाम हमले को लेकर एक्शन में बिहार सरकार, कहा इस दिन तक राज्य छोड़ें पाकिस्तानी नागरिक,वरना... Bihar Rain Alert: बिहार के लिए राहत वाली खबर, 26 से 30 अप्रैल तक मेघगर्जन-ओलावृष्टि के साथ होगी बारिश पटना में 24 पाकिस्तानी महिलाओं की लिस्ट जारी, तीन ने ली भारतीय नागरिकता
25-Feb-2025 07:59 AM
By First Bihar
बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री के दौरान रजिस्ट्री दफ्तरों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। सरकारी जांच में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें एमवीआर (न्यूनतम मूल्यांकन पंजी) दरों में हेराफेरी कर सरकार को भारी राजस्व की हानि पहुंचाई गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह अनियमितता पूरे राज्य में फैलेगी, जिसके बाद अब सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और जमीन की रजिस्ट्री करने वालों पर गाज गिर सकती है।
पश्चिम चंपारण के बेतिया के चनपटिया प्रखंड में जमीन निबंधन में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। बिहार सरकार के निबंधन विभाग को इस फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने के बाद सहायक महानिदेशक ने पूरे मामले की जांच कराई। शुरुआती जांच में ही 15.60 लाख रुपये के राजस्व की हानि सामने आई है। जांच में पाया गया कि जमीन की सरकारी दर (एमवीआर) कम दिखाकर निबंधन किया जा रहा था। आवासीय जमीन को कृषि भूमि, मुख्य सड़क की जमीन को सहायक सड़क दिखा दिया गया। इससे सरकार को मिलने वाली रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी में हेराफेरी कर कम टैक्स जमा किया गया।
यह फर्जीवाड़ा आवासीय भूमि को कृषि भूमि के रूप में दर्शाकर किया जा रहा था, क्योंकि कृषि भूमि का एमवीआर कम होता है, जिसके कारण कम टैक्स देकर रजिस्ट्री की जाती थी। साथ ही मुख्य सड़क की भूमि को सहायक सड़क के रूप में दर्शाया जाता था, क्योंकि मुख्य सड़क की भूमि का एमवीआर अधिक होता है, जबकि सहायक सड़क का कम। इस तरह कम एमवीआर दिखाकर सरकार को चूना लगाया जाता था। भूमि की प्रकृति और स्थान के साथ भी छेड़छाड़ की जाती थी। कई मामलों में रजिस्ट्री के दस्तावेजों में भूमि की वास्तविक स्थिति को छिपाया जाता था।
बेतिया में सहायक निबंधन महानिरीक्षक राकेश कुमार ने खुद स्थल निरीक्षण कर फर्जीवाड़ा की पुष्टि की है। अब तक मात्र 12 दस्तावेजों की जांच में 15.60 लाख रुपये के राजस्व की हानि सामने आई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि चनपटिया रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकांश दस्तावेजों में इस तरह से करोड़ों रुपये के राजस्व की चोरी की गई है।
सरकार ने इस मामले में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। निबंधन विभाग अब इस घोटाले की गहनता से जांच कर रहा है और जल्द ही इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
पूरे राज्य में भूमि निबंधन से जुड़े दस्तावेजों की दोबारा जांच की जाएगी। फर्जीवाड़ा करने वाले रजिस्ट्री कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भूमि निबंधन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार नए सख्त दिशा-निर्देश लागू कर सकती है। डिजिटल रजिस्ट्री और जीपीएस मैपिंग को अनिवार्य किया जा सकता है ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।