ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: सदर अस्पताल में मिला 25 वर्षीय युवक का शव, प्रेमिका के परिवार वालों पर हत्या का आरोप आतंकवादी हमले के खिलाफ पटना में महागठबंधन का कैंडल मार्च, तेजस्वी यादव-मुकेश सहनी सहित कई नेता रहे मौजूद Road Accident: भारतीय सेना के जवान की सड़क हादसे में मौत, पिता के निधन के बाद छुट्टी पर आए थे घर गोपालगंज में 4 दिन से लापता युवती की लाश बगीचे से बरामद, हत्या के विरोध में परिजनों ने किया सड़क जाम हंगामा CSKvsSRH: 10वें स्थान को लेकर CSK और SRH में रोचक जंग के बीच चेन्नई को मिले भविष्य के 2 सुपरस्टार BIHAR NEWS: विनोद सिंह गुंजियाल बने बिहार के नये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, 2007 बैच के हैं IAS अधिकारी महागठबंधन में महाघमासान होना तय! RJD से दबने को तैयार नहीं कांग्रेस, को-ओर्डिनेशन कमेटी में दिखा दिया अपना जोर Pahalgam Terror Attack: रूस की अपने नागरिकों को सलाह, “पाकिस्तान की यात्रा न करें”, भारत-पाक के बीच तनाव से पूरी दुनिया अलर्ट Sindhu Water Treaty: बूंद-बूंद पानी को तरसेगा पाकिस्तान! सिंधु जल समझौता को लेकर चल रही शाह की बैठक खत्म; पाक के खिलाफ बड़ा फैसला Sindhu Water Treaty: बूंद-बूंद पानी को तरसेगा पाकिस्तान! सिंधु जल समझौता को लेकर चल रही शाह की बैठक खत्म; पाक के खिलाफ बड़ा फैसला

Bihar News : 20 साल से बनकर तैयार है ब्रिज, फिर भी हजारों लोगों के लिए चचरी पुल बना सहारा

Bihar News : बिहार के बेतिया के एक गाँव में २० वर्षों से पुल बनकर तैयार है इसके बावजूद लोग ना सिर्फ चचरी के पुल का सहारा लेने को विवश हैं बल्कि उसके इस्तेमाल के लिए टैक्स भी देने को मजबूर हैं.

Bihar News

28-Feb-2025 03:08 PM

By First Bihar

Bihar News : बेतिया जिले के मैनाटाड़ प्रखंड के मर्जदवा पथ में हाजमाटोला गाँव है, जहाँ हरपतबेनी नदी पर 20 साल से पुल बनकर तैयार है मगर उसके बावजूद लोग उसका उपयोग नहीं कर पा रहे क्योंकि अब तक इस पुल को चालु करने की पहल किसी के द्वारा नहीं की गई है. नतीजा यह हुआ की लोग आज एक चचरी पुल के सहारे इस नदी को पार कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें कर भी देना पड़ता है, बताया जा रहा है कि इसी पुल के सहारे करीब 20 हजार की आबादी आवागमन करती है.


बताते चलें कि 20 वर्ष पहले इस नदी पर लगभग 21.5 लाख रूपये की लागत से पुल का निर्माण कराया गया था लेकिन आजतक एक भी राहगीर को इसका फायदा नहीं मिल सका है. इसके पीछे का कारण यह है कि इस पुल के एप्रोच के ठीक सामने ही एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है, वह व्यक्ति इसे अपनी निजी भूमि बतला रहा,   हैरानी की बात यह है कि आजतक किसी भी नेता या प्रशासन द्वारा इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.


हालाँकि 2018 के अप्रैल महीनें में तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर आधा दर्जन थानों के पदाधिकारियों के द्वारा अतिक्रमण करने वाले हरेन्द्र महतों की दीवार ध्वस्त कर दी गयी थी, वहां मौजूद पेड़ को काटकर तथा मिटटी भराई कर पुल को शुरू करने की योजना अबतक सफल नहीं पाई है और लोगों को आज भी 5 रूपये का शुल्क अदा कर चचरी पुल के सहारे नदी को पार करना पड़ रहा.


ज्ञात हो कि बरसात के दिनों में हरपतबेनी नदी का जलस्तर बढ़ जाता है जिसके बाद यह चचरी का पुल भी निष्क्रीय हो जाता है और लोगों को आसपास के गाँव में जाने के लिए दुगनी दूरी तय करनी पड़ जाती है. स्थानीय लोग इस वजह से परेशान और आक्रोशित हैं, साथ ही अब भी वे यह उम्मीद लिए बेबस होकर सरकार की तरफ देख रहे कि शायद आज नहीं तो कल इनकी इस समस्या का निदान होगा.