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03-Sep-2025 02:36 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के किसानों को राहत देने की दिशा में बिहार सरकार ने एक और कदम बढ़ाते हुए बड़ी घोषणा कर दी है। राज्य सरकार ने सिंचाई और जल संरक्षण को नई ऊंचाई देने के लिए गया जिले के टिकारी प्रखंड के पंचमहला गांव में मोरहर नदी पर चेक डैम बनाने की मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट पर कुल 27 करोड़ 50 लाख 41 हजार रुपये खर्च होंगे।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार सिंचाई ढांचे को मजबूत बनाने पर कटिबद्ध है। 2005 के मुकाबले आज बिहार का सिंचाई नेटवर्क दोगुना से भी ज्यादा विस्तृत हो चुका है, जिससे लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं। यह चेक डैम खेतों को पानी से सींचेगा और इलाके के जल स्तर को भी स्थिर रखेगा।
सरकार की यह पहल सिर्फ मोरहर नदी तक सीमित नहीं है। हाल ही में गया के बोधगया प्रखंड के बतसपुर पंचायत और आसपास के तीन पंचायतों को बाढ़ से बचाने व सिंचाई सुविधा देने के लिए बतसपुर वीयर पर 24 करोड़ रुपये की बांध विस्तार योजना को हरी झंडी दे दी गई। इसी तरह, दरभंगा जिले के बेनीपुर प्रखंड के धेरूख गांव में पुरानी कमला नदी पर 26 करोड़ रुपये की लागत से गेटेड वीयर और संबंधित निर्माण कार्यों को मंजूरी मिली है।
सम्राट चौधरी ने बताया है कि ये योजनाएं किसानों की लंबे समय की मांग को पूरा करेंगी। बतसपुर में विस्तार से बाढ़ का खतरा कम होगा, जबकि कमला नदी पर गेटेड वीयर से पानी का बेहतर प्रबंधन संभव हो सकेगा। इन परियोजनाओं से आने वाले समय में उत्तर बिहार के कई गांवों में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी।
मोरहर नदी पर बनने वाले चेक डैम से टिकारी प्रखंड के आसपास के गांवों को बड़ी राहत मिलेगी। वर्तमान में किसानों को सिंचाई के लिए दूर-दूर जाना पड़ता है, लेकिन यह डैम पानी को रोककर खेतों तक पहुंचाने में मदद करेगा। इससे फसल उत्पादन में इजाफा होगा और सूखे की मार से बचाव होगा।
जल संरक्षण के लिहाज से भी यह उपयोगी साबित होगा क्योंकि चेक डैम भूजल स्तर को ऊंचा रखेगा। स्थानीय किसान संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है, यह कहते हुए कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी। सरकार का दावा है कि ऐसी योजनाओं से बिहार के 70 फीसदी से ज्यादा खेतों को सिंचाई सुविधा मिल जाएगी।
2005 से पहले बिहार में सिंचाई व्यवस्था बहुत सीमित थी जहां किसानों को मानसून पर पूरी तरह निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन नीतीश सरकार के प्रयासों से नहरें, बांध और चेक डैमों का जाल बिछ गया है। आज राज्य में सिंचाई क्षमता दोगुनी से ज्यादा हो चुकी है, जिसका श्रेय इन परियोजनाओं को जाता है। सम्राट चौधरी ने कहा कि जल संरक्षण अब प्राथमिकता है और आने वाले दिनों में और भी योजनाएं शुरू होंगी। किसान भाई अब बेफिक्र होकर खेती करें क्योंकि सरकार पानी की हर बूंद को सहेजने का काम कर रही है।