ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: इन जिलों में अगले 2 दिन भीषण बारिश, IMD ने पहले कर दिया सावधान Bihar News: बिहार की इन 8 महिला समेत 13 अफसरों की लगी ड्यूटी, 19-20 तारीख को करेंगे यह काम पटना फतुहा में टाटा कमर्शियल गाड़ियों के सबसे बड़े शोरूम ‘बुद्ध शक्ति’ का उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया शुभारंभ FASTag Yogna: कार, जीप, वैन मालिकों के लिए बड़ी खबर....3000 रू का पास बनाएं और देशभर में करें यात्रा अब घरों में इन्वर्टर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत: बिहार के 15 शहरों में लगने जा रही हाई-कैपेसिटी बैटरी इन्वर्टर, पावर कट होते ही 4 घंटे मिलेगी बिजली Bihar News: सड़क हादसे में अनियंत्रित होकर पलटी यात्रियों से भरी बस, 15 घायल Bihar Crime News: चर्चित 'देवर-भाभी' हत्याकांड में तीनों सीरियल किलर को उम्रकैद की सजा Bihar News: परिवहन विभाग की जांच के दौरान हादसे में पुलिसकर्मी घायल, मदद करने की बजाय मौके से फरार हुए अफसर Bihar News: सोशल मीडिया के जुनून ने ली जान की बाजी, युवक रेल इंजन पर चढ़कर हुआ घायल Life Style: नकली कॉफी से रहें सावधान, आपकी सुबह की चुस्की बिगाड़ सकती है सेहत

बिहार में सुबह-सुबह भूकंप, क्या भारत में लगातार आ रहे झटकों के पीछे छिपा है कोई बड़ा खतरा?

भारत में हाल के दिनों में भूकंप के झटकों में वृद्धि देखी गई है, खासकर सुबह के समय। बिहार में शुक्रवार को आए भूकंप का केंद्र नेपाल था, लेकिन इससे पहले दिल्ली-एनसीआर, असम और अन्य राज्यों में भी झटके महसूस किए गए।

Earthquake

28-Feb-2025 08:00 AM

By First Bihar

भारत में पिछले कुछ दिनों से भूकंप के झटकों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। चिंता की बात यह है कि ये भूकंप ज्यादातर सुबह के समय आ रहे हैं। शुक्रवार को बिहार में आए भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है, लेकिन इससे पहले भी दिल्ली-एनसीआर, असम और अन्य राज्यों में झटके महसूस किए गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर लगातार भूकंप क्यों आ रहे हैं? क्या यह किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा की चेतावनी है?

हाल के भूकंपों में एक खास पैटर्न देखा गया है। 17 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर में सुबह 4.0 तीव्रता का भूकंप आया, 27 फरवरी को असम के मोरीगांव जिले में सुबह 5.0 तीव्रता का झटका महसूस किया गया और 28 फरवरी को बिहार और नेपाल में सुबह-सुबह कंपन हुआ। लगातार आ रहे भूकंपों का एक ही समय पर महसूस किया जाना एक रहस्यमयी पहेली बन चुका है। क्या यह टेक्टोनिक प्लेटों में किसी बड़े बदलाव का संकेत है?

भारत तीन प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के संगम पर स्थित है, जिससे यहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। इस वजह से दिल्ली-एनसीआर, बिहार, उत्तराखंड और असम जैसे इलाके उच्च भूकंपीय क्षेत्र में आते हैं। यदि इन इलाकों में बड़े भूकंप की संभावना बनी रहती है, तो इसका असर लाखों लोगों पर पड़ सकता है।

भारत को भूकंपीय खतरे के आधार पर चार जोनों में बांटा गया है। जोन-5 (सबसे ज्यादा खतरा) में जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, बिहार, असम, नागालैंड, अंडमान-निकोबार शामिल हैं। जोन-4 (उच्च जोखिम) में दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात आते हैं, जबकि जोन-3 (मध्यम खतरा) में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान हैं और जोन-2 (न्यूनतम खतरा) में दक्षिण भारत के कुछ हिस्से शामिल हैं।

भूकंप की तीव्रता के आधार पर इसके प्रभाव अलग-अलग होते हैं। 4.0 से 4.9 तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां और दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं, 5.0 से 5.9 तीव्रता के भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है, 6.0 से 6.9 तीव्रता के भूकंप में इमारतों को नुकसान हो सकता है और 7.0 से अधिक तीव्रता के भूकंप में इमारतें गिर सकती हैं और जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है।

भारत में लगातार आ रहे भूकंपों को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। यदि टेक्टोनिक प्लेट्स में बड़े बदलाव हो रहे हैं, तो हमें भविष्य में और भी शक्तिशाली भूकंप झेलने के लिए तैयार रहना होगा। सुरक्षा के लिए भूकंप आने पर खुले स्थान पर जाएं, बिल्डिंग के कोनों या मजबूत टेबल के नीचे शरण लें, लिफ्ट और सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें और आपातकालीन किट तैयार रखें।